बैंकों के निजीकरण (bank privatisation in india) को लेकर सरकार की तरफ से बड़ी प्लानिंग की जा रही है. नीति आयोग (Niti Aayog) ने की तरफ से लिस्ट जारी कर बताया गया है कि किन-किन बैंकों का सरकार निजीकरण करेगी और किन बैंकों को इस लिस्ट (bank privatisation list) से बाहर रखा गया है. फिलहाल इस समय सरकार दो बैंक और एक जनरल बीमा कंपनी के प्राइवेटाइजेशन पर जल्द ही फैसला लेने वाली है.
4 बैंकों का हुआ है मर्जर
आपको बता दें सरकार की तरफ से अगस्त 2019 में 10 में से 4 बैंकों का मर्जर किया गया था, जिसके बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह गई है. फिलहाल इन बैंकों के निजीकरण के बारे में अभी कोई भी प्लानिंग नहीं है. वित्तमंत्रालय ने राय देते हुए कहा है कि इन सभी बैंकों को प्राइवेटाइजेशन से बाहर रखा जाए.
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इन 6 बैंकों का नहीं होगा प्राइवेटाइजेशन
नीति आयोग की तरफ से जारी की गई लिस्ट में बताया है कि पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक, केनरा बैंक, एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक शामिल हैं. सरकार ने बताया है कि इन 6 बैंकों का निजीकरण नहीं किया जाएगा. सरकारी अधिकारी की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, जो भी सरकारी बैंक कंसोलिडेशन का हिस्सा था उन सभी को प्राइवेटाजेशन से बाहर रखा गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में किया था ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी देते हुए अपने बजट भाषण में कहा था कि 2 सरकारी बैंकों और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी का प्राइवेटाइजेशन करने का प्लान बनाया जा रहा है. फिलहाल सरकार ने फाइनेंशियल ईयर 2022 के लिए रीब 1.75 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश का लक्ष्य रखा था.
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एकीकरण की प्रक्रिया नहीं हुई पूरी
साल 2019 में बनाई गई कंसॉलिडेशन योजना से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार की ओर से कई बैंकों का मर्जर तो कर दिया गया है, लेकिन अभी इनके एकीकरण की प्रक्रिया बकाया है, जिसको जल्द ही पूरा किया जा सकता है.