New Tax Regime: बजट 2023 पेश होने से पहले जिस स्केटर की सबसे अधिक चर्चा थी, वह था टैक्सेशन। कर प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव की बात बहुत पहले से चल रही थी। वित्त मंत्री के पास पहले भी ऐसे मौके थे, लेकिन आखिरकार घोषणा हुई चुनाव से पहले आखिरी बजट में। टैक्स के मोर्चे पर वित्त मंत्री ने कई अहम घोषणाएं कीं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण रहा एक नई कर व्यवस्था का सूत्रपात।
निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 में इंडिविजुअल टैक्स पेयर्स के लिए 5 प्रमुख घोषणाएं कीं। ये घोषणाएं न्यू टैक्स रिजीम के तहत हैं। इनमें छूट की सीमा (Tax Deduction) को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख कर दिया गया है। स्लैब की संख्या घटाकर पांच कर दी गई है और कर छूट की सीमा को बढ़ा दिया गया है।
नई कर व्यवस्था के तहत 3 लाख रुपये तक के वेतनभोगी करदाता अब मानक कटौती (New Tax Regime Standard Deduction) के पात्र हैं।
वित्त वर्ष 2023-24 से नई कर व्यवस्था के तहत अधिकतम अधिभार दर (Tax Surcharge) को घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है। गैर-सरकारी वेतनभोगी कर्मचारी अवकाश नकदीकरण (Leave Encashment) छूट की सीमा को बढ़ाकर 25 लाख कर दिया गया है। जाहिर है, ये बजट की कुछ हिट बातें हैं।
सब अच्छी बातों के बावजूद 2023 में व्यक्तिगत कर के मोर्चे पर बजट कई जगह चूक गया है। आगामी 2024 के आम चुनावों को देखते हुए, मौजूदा बजट के लोकलुभावन होने की संभावना अधिक थी। हालांकि, वित्त मंत्री ने संयम बरता और व्यक्तिगत करदाताओं को लाभ देने में सावधान रहीं।
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दिल्ली में टैक्स कंसल्टेंट फर्म चलाने वाले आशीष राय ने बातचीत में इस बजट में आम आदमी से जुड़ी कुछ बातों पर रोशनी डाली। वे कहते हैं, ‘व्यक्तिगत करदाताओं को लाभ पहुंचाने के लिए कर दरों/स्लैबों को संशोधित किया गया है, लेकिन वे शर्तों के साथ आए हैं। धारा 115BAC के तहत निर्दिष्ट कटौती / छूट (नई कर व्यवस्था) पर प्रतिबंधों के साथ यह बजट एक अलग कर संरचना की सिफारिश करता है।’
यह डिफॉल्ट कराधान योजना (Default Tax Scheme) के रूप में सामने आया है। यानी जब तक कि व्यक्ति इससे अलग पुरानी व्यवस्था (Old Tax Regime) का चुनाव नहीं करता, यह डिफॉल्ट रूप से लागू होगा। पुरानी व्यवस्था में विभिन्न कर दरों पर आय पर कर लगाया जाता था, लेकिन कटौतियों की अनुमति थी। इस बजट में ऐसा कुछ नहीं है। क्या है ओल्ड टैक्स स्लैब (Old Tax Slab)
पुरानी व्यवस्था में 30% की अधिकतम दर के साथ 5% -20% -30% की 3 स्लैब दरों के तहत आय पर कर लगाया जाता है। हालांकि, इसमें कर योग्य आय की गणना अवकाश यात्रा भत्ता आदि जैसी कटौती के रूप में स्वीकार्य राशि को कम करने के बाद की जाती है।
धारा 80 के तहत एलआईसी, पीपीएफ, गृह ऋण पर भुगतान किए गए ब्याज जैसे निवेशों के लिए कटौती का लाभ भी इसमें मिलता है। इसके अलावा, जहां व्यक्ति की कुल आय 500,000 से अधिक नहीं थी, कर देयता शून्य थी। न्यू टैक्स स्लैब (New Tax Slab)
नई कर व्यवस्था वर्ष 2020-21 से लागू थी, लेकिन इसे लेने वाले कम मिले। आशीष राय बताते हैं कि वित्त मंत्री ने इस विकल्प के तहत उपलब्ध कर योग्य अधिकतम राशि को 500,000 से 700,000 तक बढ़ाकर और टैक्स स्लैब में बदलाव करके व्यवस्था में सुधार किया है। बजट में घोषित नई कर व्यवस्था आकर्षक लगती है। इसके अलावा, नई कर व्यवस्था कम टैक्स ऑउटफ्लो और नियमों और कटौतियों में आसानी का प्रावधान करता है।
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कर सलाहकार आशीष राय के अनुसार वित्त मंत्री द्वारा की गई कुछ अन्य घोषणाएं, जो व्यक्तिगत करदाताओं को प्रभावित करेंगी, इस तरह हैं- अधिकतम सीमांत दर (एमएमआर): उच्चतम सरचार्ज को 37% की मौजूदा दर से 25% पर कैप करने का प्रस्ताव है। समग्र अधिकतम सीमांत दर को ~42% से घटाकर ~39% कर दिया गया है। पात्र व्यवसायों के मामले में 2 करोड़ से 3 करोड़ तक और पेशेवरों के मामले में 50 लाख से 75 लाख तक के ट्रानजेक्शन के मामले में, टैक्सेशन की थ्रेसहोल्ड सीमा बढ़ा दी गई है, बशर्ते नकद प्राप्तियां 5% से अधिक न हों। उधार ली गई पूंजी पर ब्याज की दोहरी कटौती को खत्म करने का प्रावधान है। इसमें किसी व्यवसाय के अधिग्रहण या उधार ली गई पूंजी पर दावा किया गया ब्याज शामिल नहीं है, जहां धारा 24 के तहत कटौती का दावा पहले ही किया जा चुका है। जो लोग सामान्य रूप से निवासी नहीं हैं, उनके उपहार के लिए प्रावधान का विस्तार किया गया है। किसी अनिवासी व्यक्ति को भारत में सामान्य रूप से निवास करने वाले व्यक्ति द्वारा प्राप्त 50,000 से अधिक की कुल राशि के उपहार धारा 56 के तहत अब कर योग्य है। हाल के दिनों में ऑनलाइन गेम के यूजर्स में बढ़ोतरी हुई है। नई धारा 194BA को 1 जुलाई, 2023 से लागू किया जा रहा है, जिसमें ऑनलाइन गेम से जीतने वाली आय पर स्रोत पर कर की कटौती के लिए 10,000 से अधिक का प्रावधान है। अन्य स्रोतों से आय के रूप में कर योग्य होने के कारण उच्च मूल्य की बीमा पॉलिसियों (जिसमें एक वर्ष में 5 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया गया) से मिलने वाली आय पर टैक्स देना होगा। हालांकि, ऐसे मामलों में यदि बीमित व्यक्ति की मृत्यु के बदले कोई पैसा मिलता है तो उस पर छूट दी जाती है। धारा 54/54F के तहत पूंजीगत लाभ से होने वाली आय के तहत किए गए निवेश की कटौती पर 10 करोड़ की कैपिंग रहेगी। विदेशी लेन-देन और विदेश यात्रा पर टीसीएस दर में वृद्धि कर दी गई है। यह भी 1 जुलाई, 2023 से प्रभावी है
समग्र कर संरचना का सरलीकरण एक स्वागत योग्य कदम है। बजट ने कई अच्छी संभावनाओं को जन्म दिया है। आम जन को कुशल बनाने और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर सरकारी खर्च में वृद्धि की गई है। इससे जनसंख्या पिरामिड के निचले स्तर पर स्थित लोगों के हाथों में डिस्पोजेबल आय में वृद्धि होगी।
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