साल 2022 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। मैक्रो इकोनॉमिक चिंताओं, बढ़ती ब्याज दरों के रुझान और जियो पोलिटिकल टेंशन के बीच पिछले साल FPI ने बिकवाली की है। एफपीआई ने कुल मिलाकर 2022 में भारतीय Equtiy बाजारों से 1.21 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है। FPI आवक के लिहाज से यह सबसे खराब वर्ष था। इससे पहले तीन वर्षों में शुद्ध निवेश आया था। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि साल 2023 में आर्थिक हालात बेहतर होंगे डॉलर के निचले स्तर से नीचे जाने के साथ FPI के 2023 में शुद्ध खरीदार के रूप में उभरने की उम्मीद है।
Budget 2023: बजट आने से पहले इन शेयरों में आ सकती है जोरदार तेज़ी, आप जरूर करे निवेश
दिसंबर में 11,119 करोड़ का निवेश
विदेशी निवेशकों ने दिसंबर में भारतीय शेयर बाजार में 11,119 करोड़ रुपये का निवेश किया। दुनिया के कुछ हिस्सों में कोविड संक्रमण के बावजूद यह लगातार दूसरा महीना था, जिसमें शुद्ध आवक हुई। हालांकि, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) हाल के दिनों में सतर्क हो गए हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर के महीने में एफपीआई द्वारा निवेश किए गए 36,239 करोड़ रुपये की तुलना में दिसंबर में निवेश बहुत कम था। अगस्त में भारतीय इक्विटी में एफपीआई से 2022 में सबसे बड़ी खरीदारी देखी गई। जबकि अक्टूबर सबसे कम बिकवाली वाला महीना था।
साल 2023 में फिर पड़ेगी महंगाई की मार, इन वस्तुओं के बढेंगे दाम
क्या है एक्सपर्ट्स की राय
मॉर्निंगस्टार इंडिया के संयुक्त निदेशक – शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ”दुनिया के कुछ हिस्सों में कोविड के फिर से उभरने और अमेरिकी में मंदी की चिंता के बावजूद भारतीय इक्विटी बाजारों में एफपीआई (दिसंबर में) शुद्ध खरीदार बने रहे।” इस दौरान कई निवेशकों ने भारतीय बाजारों में मुनाफावसूली भी की। एफपीआई ने कुल मिलाकर 2022 में भारतीय इक्विटी बाजारों से 1.21 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है। FPI आवक के लिहाज से यह सबसे खराब वर्ष था। इससे पहले तीन वर्षों में शुद्ध निवेश आया था।