भारतीय Banking Stocks अपने सबसे बुरे दौर से उबर कर भारतीय Equity Market के लीडर बन गए हैं। एक समय भारी NPA के बोझ से दबे Banking Share दुनिया के दूसरे बाजारों की तुलाना में भारतीय बाजार के आउटपरफार्मेंश में सबसे अहम भूमिका निभा रहे हैं। देश के 6 सबसे बड़े बैंकों में से 5 ने अपने सितंबर तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। इनके नतीजे या तो उम्मीद के मुताबिक रहे हैं, या फिर उम्मीद से बेहतर रहे हैं।
इस साल Banking शेयरों के दमदार प्रदर्शन के के बल पर S&P BSE Bankex 17 फीसदी की बढ़त के साथ ऑलटाइम हाई पर जाता दिखा है। BSE Bankex अभी भी अपने 10 साल के औसत अर्निंग आधारित वैल्यूएशन के आसपास Trade कर रहा है। कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी उदय कोटक में शनिवार को कहा था कि “हम संभवत: क्रेडिट साइकिल के सबसे अहम सिंड्रेला टाइम्स में से एक में हैं”। बताते चलें की हाल ही में आए कोटक महिंद्रा बैंक के सितंबर तिमाही में नतीजे उम्मीद से भी बेहतर रहे हैं। बिजनेस लोन की डिमांड में आई रिकवरी से बैंक के कारोबार में जोरदार ग्रोथ देखने को मिली है।
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S&P BSE Sensex में बैंक और दूसरे लेंडरों का वेटेज 1 तिहाई से ज्यादा है। S&P BSE Sensex में 2022 में अब तक 2.5 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है। इस तेजी के दम पर S&P BSE Sensex की कुल वैल्यू 1 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच गई है। इस अवधि में सऊदी अरब के इंडेक्स को छोड़ कर Sensex का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है।
कुछ बड़े बैड लोन्स के समाधान, एनपीए के निपटान के लिए बैंड बैंक के गठन और बढ़ते ब्याज दरों के दौर में भी कर्ज की मांग में हो रही बढ़ोतरी के चलते बैंकों के फंडामेंटल्स में काफी सुधार देखने को मिला है।
Macquarie Group के एनालिस्ट सुरेश गणपति का कहना है कि भारत में बैंकिंग सेक्टर के नतीजे अधिकांश सेक्टरों की तुलना में काफी बेहतर रहे हैं। दुनिया में जो कुछ भी हो रहा है उसके विपरीत भारतीय बैंको का प्रदर्शन शानदार रहा है। गणपति ने आगे कहा कि बैंकिंग सेक्टर का कॉर्पोरेट पोर्टफोलियो अब एनपीए के ग्रहण से मुक्त हो गया है। पुराने बैड लोन्स की बड़े पैमाने पर सफाई हो गई है।