भारतीय युवाओं की सबसे पसंदीदा नौकरियों में से एक इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) सेक्टर के जॉब हैं। एकेडमिक ईयर 2020 में करीब 9.30 लाख छात्रों ने कम्प्यूटर साइंस में एडमिशन लिया था। नौकरियों से जुड़ी जानकारी मुहैया कराने वाली वेबसाइट मॉनस्टर.कॉम (Monster.com) ने पिछले एक साल (सितंबर 2021 से सितंबर 2022) के आंकड़ों के आधार पर बताया कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स सबसे अधिक सैलरी पाने वाले लोग हैं। फ्रेशर्स भी औसतन 5 लाख सालाना के पैकेज पर हायर किए जा रहे हैं। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि अधिक सैलरी और सुविधाओं के अलावा जो चुनौतियां और प्रतिद्वंदी पर बढ़त बनाने का जो मौका मिलता है, वह IT सेक्टर के जॉब को और अधिक आकर्षक बना रहा है। IT सेक्टर में जॉब के इस समय कई शानदार विकल्प मौजूद हैं।
जॉब पोर्टल शाइन.कॉम (Shine.com) के सीईओ, अखिल गुप्ता ने पाया कि टेक्नोलॉजी से जुड़े करियर कई तरह के सेक्टर में मौजूद हैं। इसमें तेजी से बढ़ते स्टार्टअप्स, दिग्गज आईटी फर्म्स के साथ विभिन्न कंपनियों के छोटे IT डिपार्टमेंट भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, “इस समय यहां डेटा साइंटिस्ट के प्रोफाइल की सबसे अधिक मांग देखी जा रही है।”
गुप्ता ने IT इंडस्ट्री की मौजूदा परिस्थितियों के आधार पर 5 साल तक के अनुभव वाले उम्मीदवारों के लिए जो प्रमुख जॉब बताए, उनमें- प्रोडक्ट मैनेजर, डेटा साइंटिस्ट/इंजीनियर, बिग डेटा इंजीनियर, सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट, डेवलेपर्स/क्लाउड इंजीनियर्स, फुल-स्टैक डेवलेपर, फ्रंटेंड डेवलपर, बैकेंड डेवलपर, मोबाइल ऐप डेवलपर, सॉफ्टवेयर डेवलेपर, सीनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर और डेट डेवलपर आदि शामिल हैं।
लेकिन एक नए सॉफ्टवेयर इंजीनियर के लिए IT सेक्टर में सबसे आकर्षक जॉब कौन सी हो सकती है? मनीकंट्रोल ने उन विभिन्न जॉब प्रोफाइल के बारे में विस्तार से अध्ययन किया है, जो एक IT प्रोफेशनल अपने करियर के शुरुआती 5 साल के भीतर कर सकता है। साथ ही यह पता लगाने की कोशिश की है ये जॉब प्रोफाइल औसत सैलरी के मामले में बाकी सेक्टर की नौकरियों के मुकाबले कैसा प्रदर्शन कर सकते हैं।
jobs in it sector
प्रोडक्ट मैनेजर (Product managers)
कंपनी के प्रोडक्ट्स (उत्पादों) से जुड़ी रणनीति और ब्लूप्रिंट तैयार करने का काम प्रोडक्ट मैनेजर का होता है। मनीकंट्रोल के आंकड़ों के मुताबिक, 5 साल के अनुभव वाले प्रोडक्ट मैनेजर की औसतन सैलरी 15 लाख रुपये सालाना (बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई) है। ग्लासडोर के मुताबिक बैंगलोर में इन्हें औसतन 20 लाख रुपये सालाना पैकेज ऑफर किया जा रहा है।
डेटा साइंटिस्ट/इंजीनियर(Data Scientist/Engineer)
डेटा साइंटिस्ट का काम डेटा-आधारित समाधान विकसित कर चुनौतियों को हल करना होता है। भारत के प्रमुख आईटी हब (बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई, कलकत्ता और नई दिल्ली) में इनकी औसत सैलरी 9.65 लाख रुपये सालाना है।
डेटा एनालिस्ट्स (Data Analysts)
डेटा एनालिस्ट्स किसी कंपनी की जटिल जानकारियों को आसानी से पढ़े जा सकने वाले निष्कर्षों में बदल देते हैं। इन जानकारियों में किसी कंपनी के बिक्री आंकड़े, मार्केट रिसर्च और ऐसी ही अन्य चीजें शामिल हैं। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 4 साल के अनुभव वाले डेटा एनालिस्ट्स की औसत सैलरी इस समय इंडस्ट्री में 11.34 लाख रुपये है।
बिग डेटा इंजीनियर (Big Data Engineer)
डेटा साइंटिस्टों के साथ मिलकर काम करते हुए, बिग डेटा इंजीनियर जटिल से जटिल डेटा को एक आसाना और एनालिसस के योग्य फॉर्मेट में बदल देते हैं। भारत में इनकी औसत सैलरी 9 लाख रुपये सालाना (बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई, कलकत्ता और नई दिल्ली) है।
सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट (Software Architect)
सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट, सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की एक टीम के साथ काम करते हैं और सॉफ्टवेयर डिजाइन से जुड़े सभी महत्वपूर्ण और अहम फैसले यही लेते हैं। देश में इनकी औसत सैलरी 20.30 लाख सालाना है। वहीं बैंगलोर और हैदराबाद में इनकी औसत सैलरी 30 लाख रुपये सालाना तक है।
क्लाउड इंजीनियर (Cloud Engineer)
ग्लासडोर के अनुसार क्लाउड इंजीनियर कंपनियों और अन्य ऑर्गनाइजेशन के लिए सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन बनाते हैं, उनकी टेस्टिंग करते हैं और उन्हें लॉन्च करते हैं। देश में इनकी औसत सैलरी 6.18 लाख प्रति सालाना (बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई, कलकत्ता और नई दिल्ली) है।
फुल-स्टैक डेवलपर (Full-Stack Developer)
फुल-स्टैक डेवलपर्स असल में ऐसे एक्सपर्ट्स होते हैं, जो वेबसाइट, वेब एप्लिकेशन या कंप्यूटर प्रोग्राम के फ्रंट एंड और बैक एंड पहलुओं को बनाते और उसे तैनात करते हैं। इनकी औसत सैलरी भारत में 6.50 लाख रुपये सालाना (बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई, कलकत्ता और नई दिल्ली) है।
फ्रंट-एंड डेवलपर (Frontend Developer)
फ्रंट-एंड डेवलपर विभिन्न टूल और तकनीकों का इस्तेमाल करके वेबसाइट और एप्लिकेशन विकसित करते हैं। इन्हें वेबसाइट का आर्किटेक्ट्स भी कहा जा सकता है। इनकी औसत सैलरी सालाना 5.76 लाख (बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई, कलकत्ता और नई दिल्ली) है।
बैक-एंड डेवलपर (Backend Developer
वेबसाइट पर डेटा को प्रॉसेस करने और उसके आधार पर एक्शन के लिए जो मैकेनिज्म बनाया जाता है, उसे बैक-एंड डेवलपर्स विकसित करते हैं। भारत में ये औसतन 7 लाख सालाना (बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई और नई दिल्ली) कमाते हैं।
मोबाइल ऐप डेवलपर (Mobile App Developer
मोबाइल इंजीनियर, मोबाइल डिवाइसों के लिए सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को डिजाइन करने, बनाने और लॉन्च करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। भारत में इनकी औसत सैलरी 5.46 लाख सालाना (नई दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद) हैं।
सॉफ्टवेयर डेवलपर (Software Developer
सॉफ्टवेयर डेवलपर्स मोबाइल, डेस्कटॉप एप्लिकेशन आदि के लिए कंप्यूटर प्रोग्राम डिजाइन करते और बनाते हैं। इनकी औसत सैलरी भारत में सालाना 6.6 लाख (बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई, कलकत्ता और नई दिल्ली) है।