अगर आप भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए विडियो में पॉली हाउस के अंदर टमाटर के लंबे-लंबे पौधे और उस पर लदे हुए टमाटर देखकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं तो आप यह जान लें कि इस तरह के अधिकतर वीडियो आपको इजरायल Method खेती से देखने को मिलते हैं. भारत के किसान की तुलना में इजराइल के किसान खेत से 10 गुना तक अधिक उत्पादन लेते हैं और उनकी आमदनी भी 10 गुना तक अधिक होती है.
भारत इजराइल की हरी-भरी दोस्ती की बदौलत हरियाणा के घरौंडा में सब्जी पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बना है. इंडो इजराइल सहयोग से भारत में इस तरह के 30 सेंटर बनाए गए हैं. सब्जियों के लिए बनाए गए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में यह दिखाया गया है कि 1750 वर्ग मीटर की जमीन से करोड़ों की कमाई की जा सकती है.
सब्जी की खेती से किसान लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के स्टाफ का कहना है कि किसानों के लिए सबसे जरूरी यह है कि जब आप अपने खेत की जुताई करें तो वह सबसे महत्वपूर्ण होता है. जुताई के समय ही आप देसी खाद का इस्तेमाल कर अपने खेत की उत्पादकता बढ़ा सकते हैं. वर्मी कंपोस्ट और सड़े हुए गोबर की खाद की मदद से यह खेती की जाती है.
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इसके साथ ही आप नीम का इस्तेमाल कर खेत को शुरू से ही कीटाणु मुक्त बना सकते हैं. खेतों की गहरी जुताई कर यह सारी चीजें डाली जाती हैं और खेत में बेड बनाए जाते हैं. अगर खेतों में बेड ऊंचा होगा तो उसे पौधे बड़े रहेंगे और उसमें लगने वाले फल सुरक्षित रहेंगे.
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के अधिकारियों कहना है कि इजराइल की तकनीकी मदद से खेती करने वाले किसान 1750 वर्ग मीटर खेती से करोड़ों की कमाई कर रहे हैं. 500 वर्ग मीटर में 120 क्विंटल टमाटर पैदा किया जा रहा है.
हरियाणा के करनाल में बने घरौंडा में पॉलीहाउस, ऑर्गेनिक और नॉर्मल खेती तीनों तरह की खेती की जा रही है. किसान के बीज से ही सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में पौधे तैयार किए जा रहे हैं. हरियाणा के किसानों को यहां से ₹1 में पौधा दिया जाता है, जबकि दूसरे किसानों को ₹2 में पौधे मिलते हैं.
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किसानों को खेत में बेड बनाने, ड्रिप इरीगेशन और मल्चिंग, इन तीनों तरीकों का इस्तेमाल कर खेती के बारे में निशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में किसानों को ट्रेनिंग के साथ जबरदस्त तरीके से खेती की जा रही है.