अन्तराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वर्ष 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था के कठिन दौर से गुजरने की भविष्यवाणी की है । इसने आर्थिक प्रगति का पूर्वानुमान घटाया है और दुनिया के एक तिहाई हिस्से में आर्थिक संकुचन का अनुमान लगाया है। IMF ने भारत की आर्थिक ब्याज दर घटाने का ऐलान किया कि 2023 का साल मंदी की तरह महसूस होगा। यह समय भारत के लिए सबसे बुरा होगा।
मुद्राकोष ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस अनुमान में गिरावट का सीधा संबंध बडी अर्थव्यवस्था में आ रही व्यापक सुस्ती से है । जिससे साल 2022 के पहले quatar में अमेरिका का सकल घरेलू उत्पाद तक सिकुड़ गया । दूसरे quatar मे यूरोपीय देशों की अर्थव्यवस्था में संकुचन है और चीन में covid-19 का प्रकोप अभी तक बना हुआ है।
इसी के चलते भारत मे 2023 में मुश्किलें और बढ़ सकती है दुनिया की नामचीन कंपनियों के 80 % से अधिक CEO द्वारा अगले साल मंदी की संभावना जताने के बाद अब IMF ने कहा की दुनिया को अगले वर्ष 2023 के लिए आने वाली मंदी के लिए तैयार रहना होगा । इसके तहत IMF ने भारत की आर्थिक विकास दर 8.2% से घटकर 7.4% की उम्मीद जताई है ।
सितंबर में बढ़ी retail महंगाई :
सितंबर में retail महंगाई बढ़कर 7.41% हो गई। जो अगस्त में 7% थी वही एक साल पहले यानि सितंबर 2021 में ये 4.35% थी। Consumer Price Index आधारित retail मंहगाई दर के आंकड़े जारी किए गए । खाने-पीने का सामान खासतौर पर सब्जियो और मसालों की कीमतों के बढ़ने की वजह से मंहगाई बढ़ी है।
वैश्विक स्तर पर चुनोतियाँ:
अपने ताजा अनुमान में वैश्विक वित्तीय संस्थान की वर्ल्ड Economic Out look report में कहा गया है कि सबसे बुरा वक्त अभी आना बाकी है । साल 2023 भारी मंदी की तरह महसूस होगा । इस तरह से अनुमानों को नकारात्मक रूप से संसोधित करते हुऐ IMF ने जुलाई मे अपेक्षित दर से 2023 के लिए वैश्विक विकास दर में संसोधन कर गिरावट को दिखाया है। अनुमान मे अगले ग्लोबल स्तर पर मात्र 2.7% दर की वृद्धि की उम्मीद की गई है । यह पिछले साल की 6% की वृद्धि और इस वर्ष के 3.2% की वृद्धि के पूर्वानुमान से काफी कम है।
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पेट भरना होगा मुश्किल :
देश के अधिकांश राज्यो में भारी बारिश का सीधा असर अब महँगाई पर होगा । विशेषज्ञों के अनुसार उत्तरप्रदेश , मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट , हरियाणा , पंजाब सहित कई राज्यो में फसले पूरी तरह चौपट हो गई है ।जिससे अनाज से लेकर सब्जियों के दामों में 30-40% तक की वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है।